BEAUTY OF BRAJ


प्रेम मंदिर
एक बार अयोध्या जाओ, दो बार द्वारिका, तीन बार जाके त्रिवेणी में नहाओगे। चार बार चित्रकूट, नौ बार नासिक, बार-बार जाके बद्रिनाथ घूम आओगे॥ कोटि बार काशी, केदारनाथ रामेश्वर, गया-जगन्नाथ, चाहे जहाँ जाओगे। होंगे प्रत्यक्ष जहाँ, दर्शन श्याम श्यामा के, वृन्दावन-सा कहीं आनन्द नहीं पाओगे

बरसाना
आली, म्हांने लागे वृन्दावन नीको। घर-घर तुलसी, ठाकुर पूजा, दरसण गोविन्दजी को। निरमल नीर बहत जमुना में, भोजन दूध दही को। रतन सिंघासन आप बिराजैं, मुगट धर्‌यो तुलसी को॥ कुंजन कुंजन फिरति राधिका, सबद सुनन मुरली को। मीरा के प्रभु गिरधर नागर, भजन बिना नर फीको॥

राधा रानी
राधा राधा नाम रटत है जो नर आठों याम तिनकी बाधा दूर करत है राधा राधा नाम राधा नाम से सफल ज़िंदगानी लागे मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे.....
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे, मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे

प्रेम मंदिर
एक बार अयोध्या जाओ, दो बार द्वारिका, तीन बार जाके त्रिवेणी में नहाओगे। चार बार चित्रकूट, नौ बार नासिक, बार-बार जाके बद्रिनाथ घूम आओगे॥ कोटि बार काशी, केदारनाथ रामेश्वर, गया-जगन्नाथ, चाहे जहाँ जाओगे। होंगे प्रत्यक्ष जहाँ, दर्शन श्याम श्यामा के, वृन्दावन-सा कहीं आनन्द नहीं पाओगे

बरसाना
आली, म्हांने लागे वृन्दावन नीको। घर-घर तुलसी, ठाकुर पूजा, दरसण गोविन्दजी को। निरमल नीर बहत जमुना में, भोजन दूध दही को। रतन सिंघासन आप बिराजैं, मुगट धर्‌यो तुलसी को॥ कुंजन कुंजन फिरति राधिका, सबद सुनन मुरली को। मीरा के प्रभु गिरधर नागर, भजन बिना नर फीको॥

राधा रानी
राधा राधा नाम रटत है जो नर आठों याम तिनकी बाधा दूर करत है राधा राधा नाम राधा नाम से सफल ज़िंदगानी लागे मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे.....
मीठे रस से भरी रे, राधा रानी लागे, मने कारो कारो जमुनाजी रो पानी लागे